- शाहजहांपुर। बसंत पंचमी पर्व व युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के आध्यात्मिक जन्मदिवस पर गायत्री शक्तिपीठ गौहरपुरा में 5 कुंडीय गायत्री यज्ञ में श्रद्धालुओ ने आहुति समर्पित की। इससे पूर्व कल प्रातः 6 बजे से सायं 6 बजे तक अखंड जप का समापन हुआ। इस अवसर पर दर्जन भर से अधिक विद्यारम्भ संस्कार, गुरूदीक्षा संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार बादशाह शर्मा बाबूजी द्वारा सम्पन्न कराये गए।
शक्तिपीठ के दिव्य परिसर में आकर हजारों लोगों ने आध्यात्मिक सुखद अनुभूति की। मंजू, सरिता गीता दीदी ने प्रज्ञा गीतों से सभी को भाव विभोर कर दिया एवं धार्मिक कर्मकांड के पीछे मूल भावना एवं वैज्ञानिक कारण समझाते हुए गायत्री यज्ञ सम्पन्न कराया। इससे पूर्व पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के आध्यात्मिक जन्मदिवस पर प्रकाश डालते हुये जिला समन्वयक सूरज वर्मा ने कहा कि बसंत पंचमी और 74 वें गणतंत्र दिवस सुयोग्य आज आया है। इसके सांकेतिक संकेत यह है कि राष्ट्रीयता के साथ अध्यात्मिकता परस्पर जोड़ी होना परम आवश्यक है। राष्ट्रीयता के साथ आध्यात्मिकता का साथ होना अध्यात्मिक विज्ञान है। पूज्य गुरुदेव बसंत पंचमी को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण मानते थे बसन्त पर्व 18 जनवरी सन 1926 में अखण्ड दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही पूज्यवर की आध्यात्मिक यात्रा आरंभ हुई थी। जिसकी शताब्दी 2026 को पूर्ण हो रही है। साथ ही हम सब की शक्तिस्वरूपा स्नेह सलीला वंदनीय माता जी की शताब्दी 2026 को पूर्ण हो रही है। इस दिन माँ सरस्वती की कृपा बरसती है। मुख्य प्रबंध ट्रस्टी एवं व्यवस्थापक राजाराम मौर्य ने सभी को गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस बसंत पर्व की शुभकामनाएं दी एवं गुरुदेव के विचार क्रांति अभियान से जुड़ने का आवाहन किया। कार्यक्रम में गायत्री परिजनों के साथ साथ युवाप्रकोष्ठ व महिला मंडल के सदस्य मौजूद रहे। सभी को भोजन प्रसाद के साथ तरु प्रसाद व ज्ञान प्रसाद वितरित किया गया। आज क्षेत्रों में भी बसंत पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इसी क्रम में गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्म स्थली बंडा में आज बसंत उत्सव बेला पर माता भगवती देवी ज्ञान रथ के सम्पूर्ण कलेवर का पूजन उपस्थित स्वजनों के द्वारा किया गया। बंडा शक्तिपीठ के व्यवस्थापक श्याम लाल मिश्रा बाबूजी ने सभी को बसंत पंचमी एवं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। विश्वनाथ त्रिपाठी जी और सुरेश चंद्र श्रीवास्तव ने यज्ञ पूजन संपन्न करवाया।