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उ.प्र ब्राम्हण समाज के चिंतन शिविर में राजनीतिक भागीदारी की उठी मांग


--नगर निकाय चुनावों में ब्राम्हणों को अनदेखा नहीं किया जा सकता : प. राजाराम मिश्रा--ब्राम्हणों ने सदैव देश हित के साथ साथ सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास किया है : डॉ. विजय पाठक

--चिंतन शिविर में तय एजेंडे के मुताबिक जल्द ही महानगर के खिरनीबाग मैदान में किया जाएगा बृहद आयोजन : हरिशरण बाजपेई
  • शाहजहाँपुर। उत्तर प्रदेश ब्राह्मण समाज द्वारा पुवायां रोड स्थित आरएलडी पब्लिक स्कूल में राजनीतिक चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। ब्राह्मण राजनीतिक चिंतन शिविर में जनपद के कोने-कोने से हजारों की तादाद में ब्राह्मणों ने पहुंचकर अपनी-अपनी बात रखी। चिंतन शिविर में मुख्य रूप से वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए नगर निकाय चुनावों में ब्राह्मणों की हिस्सेदारी और भागीदारी पर चर्चा की गई। महानगर में नगर निगम के मेयर पद से लेकर पार्षदों के पदों तक योग्य ब्राह्मणों को चुनाव में उतारकर उन्हें कंधे से कंधा मिलाकर हर तरह सफल बनाने के लिए सभी ने एक स्वर में सहयोग करने की बात कही। राजनीतिक चिंतन शिविर के दौरान जनपद के निकायों में नगर पालिका परिषद नगर पंचायतों में भी ब्राह्मणों को टिकट देने के लिए राजनीतिक दलों से वार्ता कर अपनी हिस्सेदारी और भागीदारी सुनिश्चित करने की बात जोरशोर से उठाई गई। चिंतन शिविर में उत्तर प्रदेश ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय पाठक ने पूर्वजों से लेकर वर्तमान परिदृश्य तक पर चर्चा करते हुए कहा कि ब्राह्मणों ने सदैव देशहित के साथ-साथ सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास किया है/


और आज भी सभी वर्गों को साथ लेकर ब्राह्मण अग्रणी भूमिका में रहकर देश हित और राष्ट्र हित की बात करता है। यही नहीं उन्होंने जनपद के सभी ब्राह्मणों से एकजुट होकर अपने हक की आवाज उठाने की बात कही। ब्राह्मण राजनीतिक चिंतन शिविर के आयोजक अवधेश दीक्षित ने कहा कि ब्राह्मणों को अपने संस्कार और अपने कर्मों के प्रति समर्पित होकर आगे बढ़ने की जरूरत है उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों ने अनेकों क्षेत्रों में अपना लोहा मनवाया है वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में भी ब्राह्मणों को अपने हक की आवाज बुलंद करने के साथ ही अपनी हिस्सेदारी और भागीदारी के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है। ब्राह्मण राजनीतिक चिंतन शिविर के दौरान युवाओं का नेतृत्व करने वाले राजकमल बाजपेई ने भी हुंकार भरते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों से लेकर वर्तमान में वयोवृद्ध राजनीतिक संरक्षकों में अगर देखा जाए तो ब्राह्मणों ने अपनी महती भूमिका अदा की है। अब समय आ गया है जनपद के सभी ब्राह्मण एक मंच पर आकर सहयोग की भावना से युवाओं को भी आगे बढ़ाने में अपना सहयोग प्रदान करें। चिंतित शिविर में बोलते हुए डॉ सोमशेखर दीक्षित ने कहा कि आज ब्राह्मणों के हित की बात करने वाला कोई नहीं है जब कहीं ब्राह्मण कोई आगे बढ़ता है तो उसे आगे बढ़ाने की बजाय पीछे खींचा जाता है। जबकि ब्राह्मणों ने अनेक क्षेत्रों में अपनी योग्यता का परिचय देते हुए अपना परचम फहराया है। उन्होंने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ब्राह्मणों को लोग तेजपात के पत्ते की तरह इस्तेमाल करते हैं लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं जनपद का ही नहीं समस्त प्रदेश का ब्राह्मण जाग चुका है और अपनी राजनीतिक हिस्सेदारी और भागीदारी के लिए सभी ब्राह्मणों को एकजुट होकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। राजनीतिक चिंतन शिविर में महिलाओं की संख्या भी बहुतायत में दिखी शिविर के दौरान महिलाओं ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि ब्राह्मणों में चाणक्य सदैव राजनीति में ब्राह्मणों की भागीदारी के पक्षधर रहे हैं और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में ब्राह्मणों को राजनीति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जहां जरूरत होगी वहां महिलाएं भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी नजर आएंगी।
!!एकीकृत ब्राह्मण महासंघ के पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश ब्राह्मण समाज में किया विलय!!
उत्तर प्रदेश ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित ब्राह्मण राजनीतिक चिंतन शिविर के दौरान एकीकृत ब्राह्मण महासंघ के पदाधिकारियों ने एकता के आवाहन पर विलय करते हुए सभी को एक साथ एक आवाज में आगे बढ़ने की बात कही। चिंतन शिविर के दौरान जनपद के कोने-कोने से आए ब्राह्मणों ने अपने उद्बोधन में सभी ब्राह्मणों को एकजुट होकर एक भव्य आयोजन की बात कही जिस पर शिविर में मुहर लगाते हुए उत्तर प्रदेश ब्राह्मण समाज के प्रदेश महामंत्री हरिशरण बाजपेई ने कहा कि जल्द ही महानगर के खिरनी बाग रामलीला मैदान में ब्राह्मणों की अग्रणी भूमिका में समाज के अन्य वर्गों को भी साथ में लेकर एक वृहद आयोजन किया जाएगा। शिविर के अंत में उत्तर प्रदेश ब्राह्मण समाज के संस्थापक पंडित राजाराम मिश्रा ने आशीर्वचन के दौरान कहा कि नगर निकायों के चुनावों में ब्राह्मणों की अनदेखी राजनीतिक दलों को भारी पड़ सकती है। उन्होंने बीते लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में ब्राह्मणों की सहनशीलता पर चर्चा करते हुए कहा कि अब नगर निकाय के चुनावों में जनपद के ब्राह्मणों को अनदेखा नहीं किया जा सकता मेयर पद से लेकर पार्षदों के टिकटों के साथ-साथ नगर पालिका एवं नगर पंचायत के पदों पर भी ब्राह्मणों को संगठित होकर पूरे मनोयोग से चुनाव लड़ाया जाएगा और इसके लिए वर्तमान राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की जाएगी।

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