- शाहजहांपुर। जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने अपील की है कि कृषक किसी भी दशा में खेत में पराली/अपशिष्टों को न जलायें तथा फसलों की कटाई एस.एम.एस. युक्त कम्पाइन हार्वोस्टर मशीन के द्वारा ही करायें तथा किसी भी दशा में बिना एस.एम.एस. मशीन के फसलों की कटाई न करायें।
इस प्रकार शासन व प्रशासन का सहयोग करें और फसलों के अपशिष्टों को जलाने से होने वाले पर्यावरणीय क्षति को रोके तथा प्रशासन द्वारा की जाने वाली दण्डात्मक कार्यवाही जैसी अप्रिय स्थिति से बचें। उन्होने बताया कि फसलों के अवशेषों/अपशिष्टों को खेत में जलाने से खेत की मिट्टी की उर्वरक क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही खेत की मिट्टी में मौजूद मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाने वाले कीट भी मर जाते हैं, जिससे खेत को भारी हानि होती है। उक्त के अतिरिक्त फसलों के जलने से होने वाले धुयें से भारी मात्रा में वायु प्रदूषण होता है, जिससे पर्यावरण को भारी क्षति पंहुचती है। इस धुंये के दुष्प्रभाव से लोगों में फेफड़े/स्वांस संबंधी गम्भीर बीमारियाँ होती हैं, जो कि जानलेवा सिद्ध होती है। जिलाधिकारी ने बताया कि शासन द्वारा फसलों के अवशेष/अपशिष्टों को जलाये जाने से रोकने को लेकर गम्भीरता बरती जा रही है तथा खेतों में पराली/अपशिष्टों के जलाये जाने के कार्यों का सेटेलाइट के माध्यम से सघन निगरानी भी की जा रही है।