--NSMA ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र--
--प्रति पीकप निकलवाने की दलाल 1100 रुपये की कर रहे अवैध बसूली--
- अल्हागंज। जिले में जिलाधिकारी ने भूसा जिले के बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया था। भूसे का कमर्शियल प्रयोग हो रहा है और भूसा लगातार जिले से बाहर जा रहा है। जिससे भूसे की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है। भूसे की कमी हो सकती है, जिस कारण पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न होगी। मामले को संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी ने तुरंत भूसे के निर्यात पर रोक लगा दी थी लेकिन भूसा जिले के बाहर जाना कभी बंद ही नहीं हुआ था बल्कि दलालों द्वारा अवैध बसूली और बड गयी थी जिसे लेकर NSMA ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर भूसे की पर हो रही अवैध बसूली बंद कराने की मांग की है।
अल्हागंज क्षेत्र में भूसा कारोबारियों पर प्रशासन के आदेशों का कोई असर नहीं दिखा था। और आज भी वही हाल है सुबह से शाम तक क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों से भूसे से भरे ओवरलोड ट्रक व पीकप ट्रेक्टर का परिचालन सुबह 2 से 6 बजे तक हुल्लापुर चौराहे से हो रहा है । इतना ही नहीं ओवरलोड और ओवरहाइट भूसा लेकर जा रहे इन ट्रकों व पीकपों से हादसे की घटनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। जिलाधिकारी ने कहा था कि पिछले वर्ष भूसे की कीमत 19 रुपये कुंतल तक पहुंच गई थी। भूसे के बाहर भेजने पर तुरंत यह कदम उठाया गया था। अवैध रूप से भूसे का कारोबार करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह दलालो को 1100 रूपये पिकप के देकर हुल्लापुर चौराहे से गाडी निकालकर पडोसी जनपद फरुखाबाद मे बिक्री कर रहे है। प्रतिदिन 25 से 30 पीकप हुल्लापुर चौराहे से रात मे निकाली जा रही भूसा बिक्री करने वाले लोग भी अधिक दाम के लालच में अन्य जनपद में भूसा कारोबारियों को बेच रहे हैं भूसा कारोबारियों पर जिलाधिकारी के आदेश का कोई असर होता दिख नहीं रहा है। अगर इन पर जल्दी रोक नहीं लगाई गई तो जानवरों के लिए भूसे की किल्लत देखने को मिलेगी और भूसे के दाम में तेजी से उछाल भी देखने को मिलेगा क्योंकि ज्यादातर ग्रामीण इलाकों का भूसा बाहर जा चुका है । क्षेत्र में अब बहुत ही कम भूसा बचा है । अगर अभी भी अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो भूसे की किल्लत होने से इनकार नहीं किया जा सकता । राष्ट्रीय सोशल मीडिया के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी व ट्यूट के माध्यम से पत्र भेजकर हुल्लापुर चौराहे पर हो रही भूसे की अवैध गाडियों से 1100 की बसूली बंद कराकर जिले से गैर जनपदों मे जा रहे भूसे पर रौक लगाने की मांग की है।