- अल्हागंज। कस्बें के वार्ड पछौआ व अधुई सीमापर बन रही नाले पर पुलिया में पीली ईंट और सफेद बालू का 80 फीसद से ज्यादा इस्तेमाल से लाखों रुपये की लागत से बन रहे नाले व पुलिया के अस्तित्व पर अभी से खतरा मंडराने लगा है। वहीं नगर पंचायत प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान लगने लगा है।
वार्ड पछौआ व अधुई सीमा पर नाले नाली व उसके ऊपर पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है। इसका उपयोग नई सड़क मुहल्ले से निकलने वाले गंदे पानी को निकालने के लिए किया जाना है। निर्माण में जिम्मेदार मानकों को ताख पर रखकर निर्माण कार्य करा रहे हैं। निर्माण में जहां खुलेआम पीली ईट का उपयोग किया जा रहा है, वहीं मसाले में मोरंग के स्थान पर अधिकाधिक बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है। कम सरिया डालकर पुलिया मे बालू मौरंग से ज्यादा लगाई जा रही है। घटिया सीमेंट डालकर उसको छिपाया जा रहा है। वही पर बन रही नाली व नाले मे भी सफेद बालू और पीला ईट लगाकर लीपापोती की जा रही है। इससे पूर्व संजय पाल के मकान से रामनाथ पाल के मकान तक हुई गली के निर्माण में भी इसी तरह से धांधली की गयी थी नीचे पीला ईट और बालू से निर्माण कराया गया था। 6 माह से हो रहे नगर पंचायत में जितने भी विकास सभी पर केबल लीपापोती ही की जा रही है। सभी जगह बालू और घटिया सीमेंट तथा पीला ईट का ही प्रयोग किया जा रहा है। मानक के नाम पर ठेकेदार आंखों मे धूल झौक रहे है।