- अल्हागंज। कस्बें में देसी शराब ठेके पर एक अनोखी या कहें मिठास भरी कालाबाजारी हो रही है। इस कालाबाजारी से शराब के शौकीनों की जेब पर भले की कोई फर्क नहीं पड़ रहा, लेकिन ठेका कर्मचारियों के खीसे फुल हो रहे हैं। दरअसल 5 या ऊपर के रुपये खुल्ले नहीं होने पर देसी शराब ठेके से पउआ के साथ एक टोकिन गिलास और नमकीन लेने के लिए ग्राहको को जबरन दी जा रही है गिलास का बाजार मूल्य 1 रुपया है, पर ठेके से 2 रुपये में बिक रहा है। नमकीन का पाउच 7 रूपये व पानी का पाउच 3 रूपये का टोकिन साथ मे ही देकर बेचा जा रहा है। इस कालाबाजारी से देसी शराब ठेके की हर रोज इतनी मोटी कमाई हो रही है कि जिले का कोई एक ठेका एक दिन शराब बेचकर उतना मुनाफा शायद ही कमा पाता होगा।
यह पूरी कालाबाजारी 5 या ऊपर के रुपये खुल्ले नहीं होने के नाम पर हो रही है। दरअसल, देसी शराब ठेके पर मिलने वाले शराब के पउआ लेने पर खुले पैसे वापसके बदले किसी भी ग्राहक को ठेके से 5 का नोट या सिक्का वापस नहीं किया जाता। उसके बदले में एक पउआ के साथ जबरन टोकिन पकड़ा दी जाती है। जो ठेके परिसर मे ही खुली दुकान पर देनी होती है। जहां मजबूरन ग्राहकों को 1 रुपये बाला पानी का पाउच 3 रूपये में और 5 बाली नमकीन 7 रूपये और 1 रूपये के गिलास को 2 रूपये जबकि 30 रूपये मे 60 गिलास बाजार मिल जाते है। अगर ग्राहक टोकिन लेने से मना कर दे तो उसको पउआ भी देने से मना कर दिया जाता है। क्योंकि पउआ से ज्यादा कमाई गिलास नमकीन और पानी के पाउच मे होती है।
-- मनमानी ऐसी कि 7 रुपये में वापस नहीं लेते नमकीन--
ठेकों पर वहीं लोग जाते हैं, जिन्हें शराब की लत है और वह इस लत को पूरा करने के लिए रुपये-पैसे तो क्या, अपनी सेहत का भी ख्याल नहीं करते। इसी लत का फायदा ठेकों के कर्मचारी उठा रहे हैं। जानकर हैरानी होगी कि पउआ के साथ नमकीन गिलास या पानी पाउच का जबरन टोकिन देते है। तो उसको शराब ठेका उतने रुपये में वापस नहीं लेते। कुछ लोग अपने घर या छुपकर पीते है। वह ठेके पर पीना नहीं चाहते लेकिन टोकिन मिलने के कारण मजबूरन उन्हें ठेके पर ही बैठकर पीना पड रहा है। जिसके कारण ठेके पर आए दिन भीडभाड़ होती है।