Type Here to Get Search Results !





 




मच्छर जनित बीमारियां रोकने को विभाग ने कार्यकर्ताओं को किया दक्ष

 

लगभग 1850 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए आयोजित किये 75 बैच

  • शाहजहांपुर 11 मार्च 2022.  बदलते मौसम में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही जन समुदाय को प्रेरित करने के लिए अपने प्रथम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आशा और ए.एन.एम को एक दिवसीय प्रशिक्षण देकर दक्ष करदिया है   यह प्रशिक्षण मलेरिया एवं वी.बी. डी (वेक्टर बोर्न डीजीज) कार्यक्रम के अंतर्गत गत वर्ष की मलेरिया रिपोर्ट के आधार पर जनपद के सभी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतर्गत आने वाली आशा और ए.एन.एम् कार्यकर्ताओं को दिया गया  यह प्रशिक्षण 7 फरवरी से शुरू होकर 9 मार्च 2022 तक दिया गया  प्रति सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 5 बैच में अपने सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य दिया गया था  प्रत्येक बैच में लगभग 20-25 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जिसमें 20-22 आशाएं और 2-3 ए.एन.एम/ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को शोसल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुए प्रशिक्षित किया गया यह जानकारी नवागत जिला मलेरिया अधिकारी डा. एस.पी गंगवार द्वारा दी गयी।


 


डा. एस.पी गंगवार जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया मच्छर जनित बीमारियां अधिकांशत स्वच्छता के अभाव और पानी के ठहराव के कारण पनपतीं हैं। गंदगी व जलभराव में पनपने वाले मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारीयां होती हैं। अब इन बीमारियों के नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मौसम बदलने से पहले ही इन बीमारियों से निपटने के लिए कमर कसते हुए जनपद के सभी प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए जन समुदाय की भागीदारी बढ़ाने एवं जन जागरूकता के लिए प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित कर दिया है प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को अजय कुमार एसएमआई और अभय कुमार एम्आई द्वारा बताया गया कि मच्छर जनित बीमारियों से निजात पाने के लिए जन समुदाय के लोगों को आप के द्वारा यह बताना बहुत जरुरी होगा कि सभी लोग फुल आस्तीन के कपड़े पहनने, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने, पीने के पानी के बर्तन को ढककर रखने, घर और कार्यालय के कूलर की नियमित सप्ताहिक रूप से साफ सफाई करने और  घर या कार्यालय की छत पर पड़े पुराने टायरों, खाली बर्तनों में पानी इकट्ठा न होने देने आदि के किये प्रेरित करना होगा साथ ही लोगों को  अपने साथियों को भी जागरूक करके सुरक्षित बचाया के लिए जानकारी को दूसरों तक पहुँचाना के लिए प्रेरित करना होगा।

मच्छरों के कारण होने वाली सबसे घातक बीमारियां ---


1-मलेरिया- मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वाईवेक्स नामक परजीवी के कारण होता है | एनाफलीज नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में यह परजीवी संचारित होता हैं | जिससे मलेरिया बुखार के लक्षण जैसे बुखार, ठंड लगना, पसीना निकलना, सिरदर्द और उल्टी आदि दिखने लगते हैं |


केवल वही एनाफलीज नामक मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले से किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो | यह परजीवी लिवर तक पहुँच कर उसकी उचित कार्यप्रणाली को बिगाड़ देता है।


2-डेंगू बुखार - मच्छरों द्वारा होने वाली यह एक और सबसे घातक बीमारी है | डेंगू वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में संचारित होता हैं।

 

इस बीमारी के शुरुआती लक्षण तेज़ बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और शरीर पे चकत्ते दिखते है। केवल वही एडीज मच्छर व्यक्ति में डेंगू बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले से किसी डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो |


डेंगू के लिए अब तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है | इसलिए घर के बाहर जाने से पहले मच्छर रोधी कोई पदार्थ जरूर  लगाएँ और मच्छरों से 8 घंटो तक छुटकारा पाएँ |


3-चिकनगुनिया - चिकनगुनिया एक और घातक बीमारी है, जो डेंगू की तरह, एडीस मच्छर के काटने से होती है | विशेष रूप से एडीज एजेप्टाए और एडीस अल्बोपिक्टस के काटने से होती है |

 

चिकनगुनिया के सबसे आम लक्षण - जोड़ों का दर्द, सिरदर्द, उल्टी, पीठ दर्द और त्वचा पे चकत्ते हो जाना। चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर पर 5-7 दिन में दिखाई देते हैं | जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कम होती है, वे इस बीमारी के जल्द ही निशाने बनते हैं |


चिकनगुनिया से बचाव के लिए हमे फुल आस्तीन वाले कपड़े पहनने चाहिए, गंदगी से दूर रहना चाहिए, और मच्छर विकर्षक उत्पादों का उपयोग करना चाहिए |


 4-फाइलेरिया - फाइलेरिया भी मच्छर के काटने से फैलने वाला रोग है, जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर गंदे एवं रुके हुए पानी में पनपते हैं। इस मच्छर के काटने से किसी भी उम्र का व्यक्ति फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हो सकता है।


5-दिमागी बुखार (जे.ई) - दिमागी बुखार को इन्सेलेलाइटिस, मस्तिष्क ज्वर और ब्रेन फीवर आदि कै नामों से जाना जाता है | इन्सेलेलाइटिस मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन होने के कारण है | मस्तिष्क में सूजन आने का मुख्य कारण वायरल इन्फेक्शन होता है | इसके अलावा बैक्टेरिया और फंगस के कारण भी दिमागी बुखार की  अवस्था हो जाती है |इसलिए मलेरिया बुखार से बचाव के लिए सभी लोग मच्छरों से बचे , मच्छरों से बचने के लिए  मच्छरों को पनपने न दें साथ ही फुल आस्तीन के कपड़े पहने , सोते  समय मच्छरदानी लगाएं या फिर मच्छर विकर्षित पदार्थों आदि का उपयोग कर सकतें हैं | साथ ही, जैसे ही मच्छर जनित बीमारी का पता चले, तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श और उपचार लें।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Hollywood Movies



 

AD C