राह में जीवन का सुकून लाना पड़ा
राह में जीवन का सुकून लाना पड़ा,
हर राह पर चलकर जीवन सजाना पड़ा।
हर मोड़ पर हम साथ चले थे हर कदम,
वह पल के सफर में गुल पाना पड़ा।
हम चले थे जीवन में प्रीत का संग है जो,
वह राह के सफर में बस जीवन का सहारा पड़ा।
हर राह की गुजारिश है जीवन का पल,
वह मेरे सपनों का पल भर का किनारा पड़ा।
हर पल संग का निशान जो बना,
वह मेरे पल के राह का बसेरा पड़ा।
हम अपनी मंजिल को सफल बनाने चले,
वह जीवन में बस एक हमदम मेरा पड़ा।
वह तेरे मेरे दरमियान है जीवन सजा,
वह पल भर की खुशी का पहरा पड़ा।
-भूमिका शर्मा
शिक्षिका और लेखिका
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)
राह में जीवन का सुकून लाना पड़ा
Thursday, December 19, 2024
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