लगे जो बच्चों का दरबार ,
हुआ करेगा फिर तो हरदम ,
मन मर्जी का फिर व्यवहार ।।
लगे जो बच्चों का दरबार ।
नहीं लड़ाई ना कोई झगड़ा ,
नहीं कष्ट पहुंचाएंगे ।
प्यार करेंगे एक दूजे को ,
आगे बढ़ते जाएंगे ।
मंत्री मुखिया स्वयं बनेंगे ,
न्याय करेंगे बारंबार ।।
लगे जो बच्चों का दरबार ।
राग द्वेष का भेद न होगा ,
छोटा बड़ा ना होगा कोई ।
सब मिलकर हम काम करेंगे ,
देश का ऊंचा नाम करेंगे ।
बने हमारी ही सरकार ।।
लगे जो बच्चों का दरबार ।
लक्ष्य हमारे पूरे होंगे ,
मनमर्जी का खाएंगे ।
समय-समय पर पढ़ना लिखना ,
सबको आदर्श दिखाएंगे ।
होगा अपनापन का प्यार । ।
लागे जो बच्चों का दरबार ।
राष्ट्र हितेषी कार्य करेंगे ,
राष्ट्र धर्म अपनाएंगे ।
जाति वंश सब राष्ट्र हमारा,
गीत खुशी के गाएंगे।
संपूर्ण राष्ट्र मेरा परिवार ।।
लगे जो बच्चों का दरबार ।
ये अनजान अनोखे बच्चे ,
राष्ट्र धर्म का ध्यान करें ।
जाति धर्म के व्यवहारों से ,
हरदम हर पल रहे परे ।
जन्म मिले भारत हर बार ।।
लगे जो बच्चों का दरबार।
स्वरचित व मौलिक
डॉक्टर आर बी पटेल "अनजान"
शिक्षक व साहित्यकार
रेडियो दूरदर्शन गीतकार
बजरंग नगर कॉलोनी छतरपुर
मध्य प्रदेश 975515016