--शाम होते ही फार्मासिस्ट निकल जाते है घर इमरजेंसी सुविधा राम भरोसे
- अल्हागंज। नगरवासी बंदरों की समस्या से परेशान हैं जबकि नगर पंचायत की इन्हें पकड़ने की योजना ठंडे बस्ते में है। नगर के विभिन्न वार्डों में बंदरों का आतंक है और घरों में घुसकर सामान उठा ले जाने के साथ वो लोगों पर हमला तक कर रहे हैं। जिससे प्रतिदिन कोई न कोई घायल रहता है कपडो को बचा पान मुश्किल है।
वार्ड पीरगंज/आजादनगर के लोग बंदरों के आतंक के साए में जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। आलम यह है कि लोगों ने बंदरों के चलते घरों पर जाल तक लगवाना शुरु कर दिया हैं। रात्रि में भी झुंड बनाकर आंतक मचाते है। विभिन्न वार्डों में बंदर झुंड बनाकर घूमते हैं जो मौका मिलते ही लोगों पर हमला करने से भी बाज नहीं आते है एक साल की बात करें तो बंदर तकरीबन 40 से अधिक लोगों को घायल कर चुके हैं। नगर की बात करें तो इस समय 500 से अधिक बंदर हैं। पिछले लंबे समय से नगर पंचायत ने नगर को बंदर मुक्त करने के कोई भी प्रयास नहीं किए।
रात्रि में छतों पर बंदरो का जाल कमरो में कैद हुए लोग
दुकानदारों को होता है आर्थिक नुकसान
बंंदरों के आतंक से दुकानदार भी अछूते नहीं हैं। बंदरों के झुंड दुकानदारों का सामान उठा ले जाते है। वहीं कई बार तो राहगीर का सामान भी उनके हाथों से छीनकर भाग जाते हैं। ऐसे में दुकानदारों और राहगीरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है, वहीं बंदरों के काटने का भी डर रहता है।
सरकारी अस्पताल के फार्मासिस्ट अक्सर निकल जाते है घर इमरजेंसी सुविधा राम भरोसे
सरकारी अस्पताल कि इमरजेंसी सुविधा रात्रि की राम भरोसे है नर्सो व ट्रेनिंग कर रहे लडके सिर्फ रखबारी कर रहे है जिम्मेदार फार्मासिस्ट अक्सर शाम होते ही अपने घर निकल जाते है मरीजो द्वारा फोन लगाने पर फोन भी उठाना उचित नही समझते 20 किलो मीटर पर घर होने का लाभ भरपूर उठाते है। दिन मे ड्यूटी के दौरान मरीजो पर रुतबा झाडते है। उनके इस कृत्य से मरीज परेशान है भाषा शेली के साथ उनका व्यवहार जीरो है। रात्रि इमरेजेंसी सुविधा राम भरोसे छोड वह घर निकल जाते है। राष्ट्रीय सोशल मीडिया संघ ने रात्रि इमरजेंसी सुविधा पर सबाल खडा करते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिख कार्यवाही की मांग की है।