--शहर इमाम मंज़री, मुफ्ती राहिल, क़ासिम रज़ा को सम्मानित किया गया
- शाहजहांपुर। मोहल्ला ख़लील गर्बी स्थित बड़ी मस्जिद में ईद मीलाद-उन-नबी के सिलसिले में महफ़िल ए ज़िक्र ए मुस्तफा (जलसा) का आयोजन किया गया। जिसमें उलेमा ने लोगों से रसूले पाक की सुन्नतों पर अमल करने और नेक बनकर जिंदगी गुजारने की ताकीद की। महफिल का आगाज तिलावते कुरान ए पाक से हुआ। हाजरीन को खिताब करते हुए शहर पेश इमाम मौलाना हुजूर अहमद मंजरी ने कहा कि अल्लाह तआला ने कुरान पाक में अपने बंदों को क़ुरान के मुताबिक ज़िन्दगी गुजारने का हुक्म दिया। जो लोग अल्लाह के हुक्म पर अपनी जिंदगी गुजारते हैं, वही दुनिया और आखिरत में कामयाब होते हैं। उन्होंने कहा कि सभी मुसलमान अपने दिलों में रसूले पाक की मोहब्बत कायम रखें। इश्क ए नबी से ही खुशहाली और तरक्की मुमकिन है।
मुफ्ती राहिल ने खिताब करते हुए कहा कि अल्लाह तआला ने अपने हबीब पैगम्बर-ए-इस्लाम को वोह मक़ाम व मर्तबा अता किया है की बगैर हिजाब के अपने कुर्ब-ए-ख़ास में बुलाकर अपना दीदार कराया। ये मर्तबा और नबियों को नहीं मिला। डॉ. तमजीद, मतीउल्ला अंसारी, मुजीब अत्तारी ने नात पेश की। जलसे मे आये मेहमानों को बड़ी मस्जिद कमेटी पदाधिकारियों व ए.यू.एफ क़ाज़ी बोर्ड के शहर क़ाज़ी व बड़ी मस्जिद के इमाम हाफिज ज़ाहिद अंसारी ने मौलाना हुजूर अहमद मंजरी व ईदगाह कमेटी के महासचिव क़ासिम रज़ा, मुफ्ती राहिल मरकज़ी को तोहफे व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सलातो सलाम शाहनवाज खां ने पढ़ा। अंत में मुफ्ती राहिल मरकज़ी ने मुल्क व कौम की तरक्की के लिए दुआ की। ए.यू.एफ क़ाज़ी बोर्ड के शहर क़ाज़ी व बड़ी मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद ज़ाहिद ने सभी का शुक्रिया अदा किया। शनिवार को सुबह कुरआन ख्वानी व फातेहा ख्वानी कर हज़रत अहमद तूर रहमतुल्लाह अलैह को ईसाल ए सबाब किया गया। कमेटी में डॉ. इरशाद हुसैन, अनीस खां, इफ्तेखार खां आदि थे। इस मौके पर अफवान यार खां, आजाद मास्टर, बहार आलम, वाजिद, साजिद, रिज़वान खां, दिलशाद हुसैन, अनस हुसैन, नफीस, मोहम्मद एहतेशाम, मोहम्मद शादमान, इफ्तेखार खां उर्फ पप्पू खां, रेहान हसन खां, मुक़ीद खां, हाफिज फैज़ान आदि तमाम लोग मौजूद रहे।