- आज देश में कई जगहों पर जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। ज्योतिषियों का मत है कि कृष्ण जन्मोत्सव 6 की रात ही मनाना चाहिए, क्योंकि इसी रात में तिथि-नक्षत्र का वो ही संयोग बन रहा है, जैसा द्वापर युग में बना था। ग्रंथों के मुताबिक ये भगवान कृष्ण का 5250वां जन्म पर्व है।
अष्टमी तिथि 6 सितंबर यानी आज दोपहर करीब 3.30 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 4 बजे तक रहेगी। श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की रात में हुआ था, इसलिए ज्योतिषियों और ग्रंथों का कहना है 6 को जन्माष्टमी मनाएं।
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक 6 सितंबर, खरीदारी के लिए शुभ दिन है। आज चंद्रमा अपनी उच्च राशि में और सूर्य-शनि अपनी ही राशियों में होंगे। साथ ही तिथि, वार और नक्षत्र से मिलकर पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इसके साथ शश, दामिनी, सरल और उभयचरी नाम के राजयोग बन रहे हैं। साथ ही इस दिन लक्ष्मी योग बन रहा है। इस शुभ योग में निवेश, लेन-देन और प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री करना फायदेमंद रहेगा।
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि आज ग्रहों की स्थिति से समृद्धि देने वाला योग बन रहा है। जिससे हर तरह की खरीदारी के लिए दिन शुभ रहेगा। इस दिन जया तिथि होने से नई शुरुआत में सफलता मिलेगी। सूर्य बुध का बुधादित्य योग इस दिन को और शुभ बना रहा है।