- शाहजहांपुर। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर जेल में विराट अमृत महोत्सव कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन संजय कुमार पांडे ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर विनोबा सेवाश्रम के संस्थापक रमेश भैया एवं शहर के प्रसिद्ध व्यवसाय कुलदीप सिंह दुआ, राजू बग्गा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
आमंत्रित कवि गणों में कमल कांत तिवारी बरेली, चेतराम अग्नि अज्ञानी लखनऊ, डॉक्टर इंदू अजनबी, (संचालन) ऋषभ कुमार मिश्रा, विजय तन्हा, (संयोजक) कवयित्री गुलिस्तां खां, राशिद हुसैन राही जुगनू "सुधीर "बादल" अमरजीत सिंह" निराश" द्वारा वीर रस, श्रंगार रस एवं हास्य रस तथा देशभक्ति की कविताएं सुना कर महिला एवं पुरुष बंदियों को बांधे रखा। कमल कांत तिवारी ने देश भक्ति की कविता "मां भारती के शीश को कटने नहीं देंगे" डॉ. इंदु अजनबी ने वीर रस की कविता "याद रखो कि आजादी है खेल-खेल में नहीं मिली, शोणित से सींचा वीरों ने, तभी मुक्त की फसल खिली" कवित्री गुलिस्ता खान ने सांप्रदायिक सौहार्द पर कविता पढ़ कर सबका मन मोह लिया। संयोजक विजय तन्हा के द्वारा हास्य व्यंग की कविता "नैन मिलाकर हो गया मैं जिसका पेशेंट, वादे पर आती नहीं रहती है अवसेंट। इसी प्रकार ऋषभ कुमार मिश्रा चेतराम अज्ञानी ,सुधीर बादल अमरजीत सिंह निराश ने कविताएं पढ़कर खूब तालियां बटोरी। राशिद हुसैन राही "जुगनू" ने अपनी कविता -प्यार की राह में दीवार उठाते क्यों हो, खुद को दुनिया की निगाहों से गिराते क्यों हो। पढ़कर श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन संजय कुमार पांडे ने सभी कवि गणों को माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के द्वारा जेल में बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे तिरंगे सभी कवियों एवं अतिथि गणों को भेंट किए।