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आकाशवाणी सुनते ही आपा खो बैठा कंस


  • अल्हागंज। कस्बे में चल रही श्री राम लीला मे रात्री में रासलीला भी शुरू हो गयी है। दिन मे श्रीराम लीला का मंचन देख पांडाल मे भीड रही तो रात्री मे रासलीला का मंचन से पांडाल भरा रहा है नगर के अलावा क्षेत्र से भी अधिक से अधिक लोग पहुच रहे है। रासलीला की शुरूआत राधा कृष्ण की आरती से हुई आरती मेला कमेटी अध्यक्ष अनिल गुप्ता रामलखन मिश्र अवधेश मिश्र श्याम सुंदर शुक्ला गौरव शुक्ला अभय मिश्रा ने की।  राधा-कृष्ण की आकर्षक झांकियों ने श्रोंताओं को मंत्रमुग्ध किया।

रासलीला के आज के मंचन मे दिखाया गया कि मथुरा नरेश कंस से अत्याचार से लोग परेशान थे। परन्तु कंस अपनी बहन देवकी से अपार प्रेम करता था। कंस ने देवकी का विवाह वासुदेव के साथ तय किया और वह घड़ी आ गई जब वासुदेव-देवकी वैवाहिक बंधन में बंध गए। कंस स्वयं रथ का सारथी बनकर देवकी को विदा करने चला। मध्य मार्ग में ही आकाशवाणी हुई कि 'हे कंस तू जिस बहन को इतने लाड़ प्यार से विदा करने चला है, उसी देवकी का आठवां पुत्र तेरा काल होगा।' आकाशवाणी सुनते ही कंस आपा खो बैठा और क्रोध के वशीभूत होकर अपनी बहन देवकी का वध करने पर उतारू हो गया। वासुदेव ने सभी संतानों को सौंपने का वचन दिया। इसके बाद कंस ने राज्यसभा मे मदिरा पीकर नृत्य का आनंद लिया।  इसके बाद दोनों को कारागार में डाल दिया। कंस को जब वासुदेव ने पहला बालक सौंपा तो उसकी मासूमियत देखकर कंस ने उसे वासुदेव को लौटा दिया। नारद की कूटनीति के कारण कंस ने उसे मार दिया। ऐसे ही कंस ने छह बालकों का वध कर डाला। देवकी का सातवां गर्भ परमात्मा की कृपा से रोहणी के उदर में स्थानांतरित हो गया। यही बालक बाद में बलराम के नाम से जाना गया। कंस को यह पता चला कि देवकी के सातवें बालक का गर्भपात हो गया तो आठवें पुत्र के जन्म से पूर्व देवकी और वासुदेव को जंजीरों में जकड़ दिया गया।भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि के बारह बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। पहरेदार सो गए। बेड़ी-हथकड़ी, ताले-दरवाजे स्वत: खुल गए। ऐसे में भगवान के प्रेरणा से वासुदेव ने कान्हा को गोकुल में नंद बाबा के घर छोड़ दिया और कन्या उठा लाए। जिसका भी कंस ने वध करना चाहा पर वह हाथ से छूट गई। पुन: आकाशवाणी हुई कि 'दुष्ट कंस तुझे मारने वाला गोकुल में जन्म ले चुका है।' कंस ने कान्हा के वध के लिए एक से एक उपाय किए पर सब विफल रहे।

मेले मे मेले की व्यवस्था के लिए गौरव गुप्ता, ध्रुव कुशवाह, चंद्रमोहन आदि लोग मौजूद रहे।












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