- 26 अगस्त को सावन का आखिरी शनिवार रहेगा। पुराणों में इस दिन को शनि पर्व भी कहा गया है। शिवजी पूजा के इस महीने में आने वाले शनिवार को शनि देव की पूजा करने और जरुरतमंद लोगों को दान देने से शनि देव के अशुभ असर में कमी आने लगती है। अभी शनि अपनी ही राशि यानी कुंभ में है। इस संयोग में की गई पूजा और दान का पुण्य फल भी और बढ़ जाएगा।
इस शुभ योग में शिव पूजा भी विशेष फलदायी रहेगी। इस दिन जरुरतमंद लोगों को कपड़े, जूते-चप्पल या अन्य जरूरी चीजों का दान देने से शनि दोष में कमी आती है। शनिवार को रवियोग रहेगा। जिससे इस शुभ संयोग में किए गए कामों में सफलता मिलने की संभावना और बढ़ जाएगी।
स्कंद पुराण में कहा है कि सावन महीने में आने वाले शनिवार को इन तीन देवताओं की पूजा से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं। इस दिन तेल से हनुमानजी और शनिदेव का अभिषेक करना चाहिए। वहीं, भगवान नृसिंह की विशेष पूजा के बाद ब्राह्मणों को तिल से बना भोजन करवाने से मनोकामना पूरी होती है।
भगवान शिव, शनिदेव के गुरु हैं। शिवजी ने ही शनिदेव को न्यायाधीश का पद दिया था। जिसके फलस्वरूप शनि देव मनुष्यों को कर्मों के मुताबिक फल देते हैं। इसलिए श्रावण के महीने में भगवान शिव के साथ साथ शनिदेव की उपासना करने से शुभ फल मिलते हैं। भगवान शिव के अवतार पिप्पलाद, भैरव और रुद्रावतार हनुमान जी की पूजा भी शनि के अशुभ असर से रक्षा करती है।
डॉ. मिश्र का कहना है कि इस दिन रुद्राभिषेक और शनिदेव का तेलाभिषेक करने के बाद चांदी के नाग नागिन की पूजा करनी चाहिए। फिर उन्हें पवित्र नदी में बहा देना चाहिए। शिवजी का अभिषेक करने से पितृदोष भी खत्म होता है। इसके साथ ही शनिदेव का तेल से अभिषेक करने से भी हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।