17 अगस्त को सूर्य कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में आ गया है। जिससे अब सूर्य और शनि का दृष्टि संबंध बन रहा है। जो कि 17 सितंबर तक रहेगा।
इस अशुभ योग के चलते कई लोग परेशान हो सकते हैं। इस अशुभ योग से बचने के लिए सावन के शनिवार और रविवार को शिव पूजा का विशेष संयोग बन रहा है। इस योग में की गई शिव पूजन से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं।
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस दिन रुद्राभिषेक और शनिदेव का तेलाभिषेक करने के बाद चांदी के नाग नागिन की पूजा करनी चाहिए। फिर उन्हें पवित्र नदी में बहा देना चाहिए।
शिवजी का अभिषेक करने से पितृदोष भी खत्म होता है। इसके साथ ही शनिदेव का तेल से अभिषेक करने से भी हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
19 अगस्त को सावन शनिवार और तीज का संयोग
सावन के शनिवार को शिवजी की पूजा से शनि दोष में राहत मिलती है। जरूरतमंद लोगों को कपड़े और अन्न दान के साथ ही जूते-चप्पल का भी दान करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
इस बार शनिवार को हरियाली तीज का संयोग भी बन रहा है। इस तिथि पर भगवान शिव-पार्वती की पूजा के साथ, व्रत और दान करने से सुख-सौभाग्य बढ़ता है। शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं। उम्र बढ़ती है। संपत्ति और धन लाभ भी होता है।
शिव और शनि पूजा
सावन के शनिवार को की गई पूजा से शनि के अशुभ प्रभाव से होने वाली तकलीफों से राहत मिलती है। जो लोग शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढय्या से परेशान हैं उनके लिए 19 अगस्त को आने वाला शनिवार बहुत खास है। इस दौरान सावन मास होने से पूजा का फल और बढ़ जाएगा।
20 अगस्त को हस्तादित्य संयोग
20 अगस्त को सावन महीने के रविवार को हस्त नक्षत्र होने से हस्तादित्य योग बन रहा है। इस योग में की गई शिव पूजा पाप और दोष नाशक मानी जाती है। साथ ही इस दिन अमृतसिद्धि योग भी बन रहा है। इस संयोग में की गई सूर्य और शिव पूजा करने से सूर्य-शनि समसप्तक योग का अशुभ फल कम होगा और शुभ फल बढ़ जाएगा।