- शाहजहाँपुर। भारत की आजादी के अमृत काल में प्रधानमन्त्री के एक भव्य एवं विकसित भारत निर्माण के प्रण तथा मुख्यमन्त्री की प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाये जाने हेतु संकल्पना को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सांख्यिकीय आँकड़ों के संग्रहण के लिए संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय एवं प्रदेश के अर्थ एवं संख्या विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के समय-समय पर सामाजार्थिक सर्वेक्षण कर तथ्यपरक सूचनायें प्राप्त की जाती है। सर्वेक्षण से प्राप्त आँकड़े नीति निर्माण एवं सरकार द्वारा संचालित विभिन्न विकारा परक योजनाओ का मूल्यॉकन करने में अहम भूमिका निभाते है। जिससे गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल एवं नये रोजगार के सृजन में बल मिलता है। परन्तु सर्वेक्षण के दौरान सर्वेक्षण की जानकारी के अभाव में चयनित इकाईयों/परिवार से ऑकड़ो के संग्रहण में अपेक्षित सहयोग प्राप्त नही हो पाता है। जिससे संग्रहित ऑकडों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उनके द्वारा किये जा रहे योगदान वास्तविक रूप से परिलक्षित नही हो पाता है।
उन्होने कहा इसी उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गयी है, जिससे आपको एवं आप द्वारा अन्य लोगो को सर्वेक्षण की जानकारी प्राप्त हो सके। सर्वेक्षण के दौरान एकत्रित किये जा रहे ऑकडें गोपनीय रखे जाते है एवं किसी भी दशा में व्यक्तिगत सूचनाएं साझा नहीं की जाती है। इसका उपयोग मात्र सांख्यिकीय के कार्यों में ही किया जाता है। उन्होने समरत हितधारको से अपेक्षा की गयी कि सर्वेक्षण के दौरान सही एवं विश्वसनीय ऑकडें ही सर्वेक्षणकर्ता को दीये जाए। उन्होने विभागीय अधिकारियों को भी अपने स्तर से इस विषय पर अधिक से अधिक जागरूक करने हेतु निर्देशित किया, जिससे आम नागरिकों द्वारा दी गयी जानकारी सरकार द्वारा बनायी जाने वाली योजनाओं में कारगर हो सकें। गोष्ठि के दौरान मुख्य विकास अधिकारी एस.बी. सिंह ने बताया कि ऐसे कई सूक्ष्म उद्योग धंधे है जिनका सर्वेक्षण नहीं हो पाता है। जो इकाईयाँ बन्द हो गयी है उनको सर्वेक्षण फ्रेम से बाहर किया जाए एवं जो नई इकाईयाँ स्थापित हुई है, उन्हें सर्वेक्षण फेम में सम्मिलित कर कवरेज बढ़ाने पर जोर दिया गया, जिससे अर्थ व्यवस्था की सही तस्वीर प्रस्तुत हो सकें।