- उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग रविवार शाम को राज्य में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. यूपी निर्वाचन आयोग की शाम को प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई गई है. म्यूनिसिपल इलेक्शन में नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत आरक्षण से जुड़ी आपत्तियों के निस्तारण के बाद चुनाव आयोग ने ये प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई है. निर्वाचन आयोग ने रविवार को ये बैठक बुलाई है, जो यह दिखाता है कि वो चुनाव को समय पर कराने को कितनी अहमियत दे रहा है. माना जा रहा है कि नगर निकाय चुनाव को तीन से पांच चरणों में कराया जा सकता है.
चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. साथ ही नए विकास कार्यों की घोषणा भी संभव नहीं होगी. तीन से पांच चरणों में नगर निकाय चुनाव कराने से सुरक्षाकर्मियों के लिए ज्यादा दिक्कतें नहीं होंगी. प्रमुख सचिव गृह और निर्वाचन आयुक्त की हाल ही में इस बाबत बैठक हो चुकी है. वहीं निर्वाचन आयोग भी सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर चुका है. निकाय चुनाव की घोषणा के पिछले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार बड़ी घोषणाएं गोरखपुर, देवरिया, बलरामपुर जैसे जिलों में की हैं. इसमें हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते कैबिनेट बैठक कर बुनकरों के लिए भी बड़ी घोषणा की थी. उन्हें बिजली बिल पर बड़ी राहत दी थी. इससे वाराणसी, मिर्जापुर जैसे जिलों में बीजेपी को फायदा मिल सकता है. बीजेपी नगर निकाय चुनाव के लिए 32 लाख पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति कर चुकी है. पसमांदा सम्मेलन कर गरीब मुस्लिम वर्ग को साथ लाने की कवायद भी है. 60 से 70 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट भी दिया जा सकता है. वहीं समाजवादी पार्टी भी मुस्लिम यादव और दलित के एमवाईडी समीकरण के जरिये अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है. निकाय चुनाव की घोषणा के संकेतों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कैबिनेट की बड़ी बैठक बुलाई है. सोमवार शाम 5 बजे मुख्यमंत्री आवास 5 केडी पर बैठक होगी. निकाय चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने पूरे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार के सभी मंत्री बैठक में होंगे शामिल, दोनों डिप्टी सीएम,सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्री बैठक में शामिल होंगे. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी अलग से बैठक में शामिल होंगे. इस बार 17 नगर निगम, 199 नगरपालिका और 543 नगर पंचायतों में चुनाव कराया जाना है. साथ ही करीब 4 हजार के करीब पार्षदों और सदस्यों का चुनाव होना है. पिछली बार 16 नगर निगम में 14 पर बीजेपी और दो पर बसपा का कब्जा रहा था. इस बार शाहजहांपुर नगर निगम को भी जोड़ा गया है.