- 14 अप्रैल को मेष संक्रांति पर सूर्य मेष राशि में आ गया है। इसी के साथ खरमास भी खत्म हो गया है। खरमास के खत्म होते ही शादियां और बाकी मांगलिक काम भी शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार मांगलिक कामों के लिए अप्रैल में मुहूर्त नहीं है। इनकी शुरुआत मई में ही होगी। गुरु अस्त होने की वजह से ऐसा हो रहा है।
15 मार्च से बंद हुए थे मांगलिक काम
बीते महीने की 15 तारीख को सूर्य मीन राशि में आ गया था। जिससे खरमास शुरू हो गया था। खरमास के दौरान गुरु की राशि में सूर्य होने से ज्योतिष ग्रंथों में मांगलिक कामों की मनाही होती है। इस कारण शादी, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे कामों के लिए मुहूर्त नहीं थे। खरमास 15 मार्च से 14 अप्रैल तक था। सूर्य के मीन राशि में आने से इसी दरमियान गुरु अस्त हो गया है। इस कारण अप्रैल में मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे।
2 से 29 अप्रैल तक गुरु अस्त होने से मुहूर्त नहीं
इसी महीने 2 अप्रैल को गुरु मीन राशि में अस्त हो गया है जो कि 29 अप्रैल तक अस्त रहेगा। ज्योतिषियों का कहना है कि गुरु के अस्त रहते हुए शादी, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं। इसलिए अब शुभ कामों के लिए मई में ही मुहूर्त रहेंगे। हालांकि अप्रैल में अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त रहेगा। इसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहते हैं। लोक परंपराओं के चलते इस दिन कई जगहों पर शादियां होती है।
अबूझ मुहूर्त पर गुरु अस्त, मांगलिक काम करें या नहीं
इस बारे में ज्योतिष के जानकारों के अलग-अलग मत है। कुछ विद्वानों का कहना है कि अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस पर्व पर किए गए किसी भी मांगलिक काम पर ग्रह के अस्त होने का दोष नहीं लगता है। अबूझ मुहूर्त होने से इस दिन शादी और सगाई सहित अन्य मांगलिक काम किए जा सकते हैं। कई ज्योतिषियों का मानना है कि शुक्र और गुरु अस्त होने पर शादियां नहीं की जा सकती, इसलिए अबूझ मुहूर्त का महत्व भी तभी तक है जब तक ये दोनों ग्रह उदित अवस्था में हो।
मई के शुभ मुहूर्त
शादी और सगाई के लिए 16 दिन: 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 27, 29 और 30
गृह प्रवेश के मुहूर्त: 3, 6, 11, 15, 20, 22, 29 और 31