निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दल के प्रत्याशी टिकट पाने के हर उपाय कर रहे हैं। इसमें साम, दाम, दंड, भेद सभी तरीके के उपाय टिकट पाने के लिए किए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि भाजपा में लखनऊ के सांसद और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तक जुगाड़ लगाया जा रहा है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास भी लोग पहुंच रहे हैं। वहीं, सपा में प्रत्याशी सीधे अखिलेश यादव से संपर्क करने की कोशिश में लगे हैं, जिससे कि एक बार उनका टिकट फाइनल हो जाए तो कोई दूसरा उसे काट न सके। लखनऊ में वार्डवार किस पार्टी के कितने दावेदार हैं, आगे जानते हैं...
भाजपा के पास हर वार्ड के लिए करीब 100 दावेदार
भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं से चुनाव लड़ने के लिए आवेदन मांगा था। ऐसे में पार्टी के पास करीब 11 हजार से ज्यादा आवेदन पहुंच चुके हैं। इसमें प्रत्याशी का नाम, संगठन और पार्टी में शामिल होने का साल समेत प्रमुख आंदोलन में शामिल और पार्टी के लिए किए गए कार्यों का विवरण मांगा गया था। इस तरह के विवरण के साथ पार्टी के पास करीब 11 हजार से ज्यादा आवेदन शहर से आए हैं। ऐसे में आंकड़ों के हिसाब से देखे तो एक वार्ड से औसतन पार्टी के पास 100 दावेदारों की सूची है। पार्टी कार्यालय में सैकड़ों लोग आंखों में उम्मीद और हाथों में बायोडाटा लेकर पहुंचे। अब आवेदकों की संख्या देखते हुए जिम्मेदारों के सामने टिकट देना भी चुनौती बनने लगा है।
भाजपा के लिए लखनऊ के इन वार्डों में सबसे ज्यादा टिकट की डिमांड
AAP जारी करेगी 25 उम्मीदवारों की सूची
लखनऊ टिकट की सबसे ज्यादा डिमांड चौक बाजार काली, इंदिरानगर, राजा राममोहन हो राज्य, हिंदनगर, शारदा नगर द्वितीय, रानी लक्ष्मी बाई. जगदीश चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, राजा बिजली पासी द्वितीय अम्बेडकरनगर, लाल बहादुर शास्त्री प्रथम, सरोजनीनगर द्वितीय, रामजी लाल सरदार पटेल, विक्रमादित्य महात्मा गांधी, कन्हैया माधोपुर द्वितीय, इस्माइलगंज द्वितीय और गढ़ी पीर खा वार्ड में है। इसके अलावा महिला आरक्षित सीटों पर भी बड़ी संख्या में दावेदार सामने आ रहे हैं।
प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के पास भाजपा के बाद सबसे ज्यादा दावेदारों की सूची है। पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि एक वार्ड से करीब 15 से 20 दावेदारों की सूची है। हालांकि इसमें अगर मुस्लिम और यादव बाहुल्य कोई इलाका है तो वहां आवेदकों की संख्या 40 के करीब पहुंच रही है। पुराने लखनऊ में सबसे ज्यादा डिमांड सपा की है। इसकी वजह से कैसरबाग स्थित पार्टी के महानगर कार्यालय पर काफी भीड़ रहती है। यहां हर व्यक्ति जैसे-तैसे कर अपना बायोडाटा अखिलेश यादव तक पहुंचाने में लगा है, जिससे कि एक बार फाइनल होने के बाद उसका टिकट न कटे।
बसपा के पास टिकट के लिए प्रति वार्ड 5 से 10 दावेदार हैं। हालांकि पार्टी का कोई भी नेता पहले की तरह कुछ भी बोलने से बच रहा है। नाम न लिखने की शर्त पर एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सबसे ज्यादा आवेदन एससी-एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों से मिले हैं। आरक्षित सीटों पर उनके पास काफी विकल्प हैं। शहर में 35 सीटें ऐसी हैं जहां ओबीसी और एससी-एसटी के लिए आरक्षित हैं। इसमें ओबीसी के लिए 21 और एससी-एसटी के लिए 15 सीट आरक्षित है। हालांकि इसमें दोनों ही वर्ग की महिला आरक्षित सीट भी शामिल हैं। जबकि 75 सीट अनारक्षित श्रेणी की हैं। यहां प्रत्याशियों की संख्या कम है।
आम आदमी पार्टी (AAP) के टिकट से चुनाव लड़ने के लिए इस बार काफी डिमांड है। हालांकि पार्टी के पास लखनऊ शहर में एक भी पार्षद नहीं है। यहां तक कि पिछली बार मेयर से लेकर पार्षद तक के चुनाव में पार्टी की स्थिति खराब थी। उनकी पार्टी से मेयर पद की प्रत्याशी अब भाजपा का दामन थाम चुकी हैं। बावजूद इसके पार्टी से टिकट लेने के लिए काफी लोगों ने संपर्क किया है। यहां आवेदकों के सामाजिक, राजनैतिक पहलुओं पर मंथन करने के साथ ही CCC यानी क्रिमिनल, करेक्टर और करप्ट की पड़ताल की जा रही है। बताया जा रहा है कि अगले 24 घंटे में पार्टी 25 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। दिल्ली और प्रदेश संगठन के पदाधिकारी और नेता लखनऊ में डटे हैं।