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सोमवार को अष्टमी और मंगलवार को है नवमी, पूजा से पहले पवित्रता के लिए घर में करना चाहिए गौमूत्र का छिड़काव


 देवी पूजा के महापर्व नवरात्रि का आज (1 अक्टूबर) छठा दिन है। छठे दिन देवी कात्यायनी का पूजन किया जाता है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि सोमवार-मंगलवार को रहेगी। देवी पूजन करते समय अगर कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा जाए तो पूजा सफल नहीं हो पाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए देवी पूजा में ध्यान रखने योग्य जरूरी बातें...

नवरात्रि में घर के अंदर और बाहर अच्छी तरह साफ-सफाई करनी चाहिए। गौमूत्र का छिड़काव करें। इससे घर की नकारात्मकता खत्म होती है और पवित्रता बढ़ती है।

देवी पूजा में सुहाग का सामान जरूर रखना चाहिए। जैसे लाल चुनरी, लाल फूल, कुमकुम, सिंदूर, लाल चूड़ियां, बिन्दी, आभूषण जरूर रखें। पूजा के बाद ये चीजें किसी महिला को दान कर देना चाहिए।

देवी दुर्गा के साथ ही गणेश जी, शिव जी, कार्तिकेय स्वामी की भी पूजा जरूर करें। गणेश जी की पूजा के साथ देवी पूजन शुरू करना चाहिए। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। गणेश जी दूर्वा अर्पित करें। कार्तिकेय स्वामी का भी अभिषेक करें।

दुर्गा पूजा करते समय देवी के मंत्रों का जप करना चाहिए। देवी मंत्र - दुं दुर्गायै नमः। आप चाहें तो देवी भगवती के नाम का जप भी कर सकते हैं।

नवरात्रि में देवी पूजा के साथ छोटी कन्याओं की भी पूजा जरूर करें। छोटी कन्याएं देवी मां की स्वरूप मानी जाती हैं। पूजा के साथ ही जरूरमंद बच्चियों की शिक्षा के लिए धन और अन्य सामग्री जरूर अर्पित करें।

ऐसे कर सकते हैं देवी की पूजा

पूजा से पहले घर में गौमूत्र और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद घर के मंदिर में देवी-देवताओं पर जल अर्पित करें। फूलों से श्रृंगार करें। वस्त्र अर्पित करें। चंदन, कुमकुम का तिलक लगाएं। धूप-दीपक जलाएं।

सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। गणेश पूजा के बाद देवी दुर्गा की, शिव जी और कार्तिकेय स्वामी की पूजा करें। कलश पूजन करें। मिठाई का भोग लगाएं। आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद बाटें और खुद भी लें।

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