- साल का पहला चंद्र ग्रहण 2022 मई में लगा था. इसके बाद साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण नवंबर में दिवाली के 15 दिन बात लगने जा रहा है. आइए जानें कब लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण और इसका सूतक काल.
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व है. ग्रहण को लेकर हिंदू धर्म में कई नियम बताए गए हैं. शास्त्रों के अनुसार इसे एक अशुभ घटना माना जाता है और इस दौरान किसी भी प्रकार की पूजा और शुभ कार्यों की मनाही होती है. इस साल कुल 4 ग्रहण पड़ रहे हैं. दो ग्रहण लग चुके हैं और दो अभी बाकी हैं. बता दें कि सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद चंद्र ग्रहण लगता है. ऐसे में इस बार दिवाली पर सूर्य ग्रहण लग रहा है और दिवाली के ठीक 15 दिन बात यानी देव दिपावली पर चंद्र ग्रहण लगेगा.
इस बार दिवाली 25 अक्टूबर के दिन पड़ रही है और इसके ठीक 15 दिन बाद देव दीपावली के दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है. सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन और चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन पड़ता है. इस बार देव दीपावली 8 नवंबर को पड़ रही है. लेकिन चंद्र ग्रहण के सूतक से पहले ही देव दीपावली मनाई जाएगी इसलिए विद्वानों के अनुसार एक बार देव दिवाली एक दिन पहली 7 नवंबर के दिन मनाई जाएगी.
चंद्र ग्रहण का समय
साल 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा. इसका समया 8 नवंबर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से लेकर 7 बजकर 27 मिनट तक है.
इन जगहों पर दिखेगा चंद्र ग्रहण
वैज्ञानिकों के अनुसार साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण भारत समेत दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल
बता दें कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लग जाता है. ऐसे में सूतक लगने से पहले ही देव दीपावली मनाई जाएगी.
ग्रहण से जुड़ी खास बातें
- वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक ही क्रम में होते हैं, जिसके कारण चंद्र ग्रहण लगता है.
- चंद्र ग्रहण के दौरान ज्योतिष अनुसार कई तरह की सावधानी बरतनी चाहिए.
- ग्रहण के बाद हिंदू धर्म में दान और स्नान का विशेष महत्व बताया गया है.
- कहते हैं कि ग्रहण का सूतक काल अशुभ होता है. इसमें कोई भी शुभ कार्य और पूजा आदि नहीं करनी चाहिए. ग्रहण खत्म होने तक सूतक काल रहता है.
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से अपना ध्यान रखें. कोशिश करें कि इस दौरान भगवान के नाम का स्मरण करें और किसी प्रकार का कोई कार्य न करें.
- सूतक लगने के बाद पूजा-पाठ करने की मनाही होती है.
- इस दौरान यात्रा और सोना भी मना होता है.
- ग्रहण के दौरान किसी धारदार वस्तु का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.