--ब्राह्मण समाज ने कार सेवकों को श्रीराम सत्याग्रही सम्मान देकर आयोजित किया
- शाहजहांपुर। 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन चरम पर था, देश के कोने-कोने से कारसेवक और साधु-संत अयोध्या की ओर कूच कर रहे थे। जिसमें आयोध्या जनपद के रुदौली तहसील के गांव शुजागंज निवासी स्व. राम अचल गुप्ता भी अपने साथियों रामतेज, मुरारी लाल, परमानंद रघुवीर सिंह के साथ कूच कर रहे थे।
मुरारी लाल आप बीती में बताते है राममंदिर आंदोलन में 2 नम्बर 1990 को उनके गांव से लगभग 30 लोग जस्थे के साथ विवादित ढांचा की ओर कूच कर रहे थे। मुराली लाल बताते है सभी कार सेवक रामजन्मभूमि की ओर दौड़े जा रहे थे। इतने में ही हनुमानगढ़ी के पास से अचानक ही उनके साथ स्व. राम अचल गुप्ता के सीने में गोली लग जाती है। वो वही गिर जाते है चारो ओर भगदड़ मच जाती है पुलिस बर्बता पूर्वक गोली चलाती है और लाठी चार्ज कर देती है। किसी का हाथ किसी का पैर टूटता है सभी लहूलुहान हो जाते है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जमकर कार सेवकों को मारा पीटा था। उन्होंने बताया घरों की छतों पर पुलिसवालों को तैनात किया गया था। कारसेवकों को किसी भी हाल में विवादित ढांचे तक पहुंचने की इजाजत नहीं थी। लेकिन कारसेवकों ने हार नहीं मानी। अयोध्या में कारसेवकों का काफिला विवादित ढांचे की ओर बढ़ने लगा।
!!दिवंगत राम अचल गुप्ता के पुत्र सन्दीप को सम्मानित किया गया!!
राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गवां देने बाले राम अचल के गुप्ता के छोटे पुत्र सन्दीप गुप्ता ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में परशुरामधाम पहुंचे जहां उन्होंने बताया कि राम मंदिर आंदोलन 1990 में वह लगभग 2 बर्ष थे। उस आंदोलन में उनके पिता की गोली लगने से मौत हो गई थी। उस बर्बता को याद करके उनके आंसू निकल आते है। आज उन्हें जब उनके पिता के नाम पर सम्मान दिया जा रहा था तो वह अपने पिता को याद करके भावुक हो गए।
!!डिप्टी सीएम ने दिवंगत राम अचल गुप्ता की प्रतिमा का अनावरण किया गया!!
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गवां देने बाले दिवंगत राम अचल गुप्ता की प्रतिमा स्थापित कर अनावरण किया।