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खबर छापने से बौखलाए अस्पताल संचालक ने नर्स से मीडिया कर्मी पर लगवाये अनर्गल आरोप


 -दलाल मीडिया अस्पताल संचालक के पक्ष में उतरी

--जब मीडियाकर्मी दो साल से मिर्जापुर गया ही नहीं तो क्या उसने आन लाइन कर दी छेड़छाड़


  • शाहजहांपुर। योगी राज्य में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि पत्रकारों पर कोई आंच नही आनी चाहिए वहीं अवैध अस्पताल संचालक दलाल मीडिया तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से अस्पताल के खिलाफ खबर छापने बाले पत्रकार के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाते हुए स्टाफ नर्स द्वारा मिर्जापुर थाने में छेड़छाड़ की तहरीर दिलवा दी। 

यहां पर बता दें कि जलालाबाद के याकूबपुर तिराहा पर संचालित शिव अस्पताल में बीते माह आशा कार्यकत्री द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर करवाकर जिग्नेरा निवासी महिला को शिव हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था चूंकि शिव हॉस्पिटल का संचालन मात्र एमबीबीएस डिग्री के जरिये ही होता है वहां पर कोई ट्रेंड डॉक्टर या नर्स न होने की बजह से प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की मौत हो गई मानवीयता की पराकाष्ठा तब पार हो गई जब संचालक ने महिला की लाश देने के लिए परिवार बालों से पैसे की मांग कर दी।महिला के परिवार बालों ने मीडिया से सम्पर्क किया जिसका समाचार समस्त समाचार पत्रों व यूथ इण्डिया अखबार में प्रकाशित किया गया था। अखबार में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित होने के  बाद प्रशासन द्वारा संज्ञान न लिए जाने पर यूथ इण्डिया समाचार में अस्पताल की कमियों को उजागर करते हुए दूसरा समाचार प्रकाशित किया गया समाचार प्रकाशित होने के बाद अस्पताल संचालक ने दलाल मीडिया के माध्यम से पीड़ित महिला के परिवार बालों से सम्पर्क करवाया दलाल मीडिया ने पीड़ित परिवार के पास जाकर 2 लाख रुपये में डील पक्की कर ली जिसमे अस्पताल संचालक ने दलाल पत्रकारों को दो लाख रुपये दे दिये जिसमे से 70 हजार रुपया पीड़ित परिवार के पास पहुंचे और एक लाख तीस हजार रुपये दलाल पत्रकार हजम कर गये।

पीड़ित परिवार को मैनेज करने के बाद खबरों से बौखलाए अस्पताल संचालक ने स्टॉफ नर्स के रूप में कार्य करने बाली महिला द्वारा पत्रकार के खिलाफ छेड़छाड़ का अनर्गल आरोप लगाते हुए मिर्जापुर थाने में तहरीर दिलवा दी जबकि पत्रकार पिछले दो वर्षों से मिर्जापुर थाना क्षेत्र में नही गया। जलालाबाद में संचालित शिव हॉस्पिटल को एक धंधे के रूप में संचालित किया जाता है इसमें फर्रूखाबाद के एक डॉक्टर की डिग्री को 80 हजार रुपये प्रति वर्ष किराए पर लेकर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन करवाया जबकि एमबीबीएस डॉक्टर कभी अस्पताल नही आते अस्पताल में अल्हागंज क्षेत्र के एक बीएमएस डॉक्टर द्वारा ओपीडी में मरीजो को देखा जाता है इस अस्पताल में पूर्व में भी गुलड़िया निवासी एक महिला का ऑपरेशन किया गया ऑपरेशन के बाद उसके पेट मे कॉटन छूट गया आज महिला जिंदगी और मौत की जंग पीजीआई में लड़ रही है।इस अस्पताल से मोटी कमाई देखकर संचालक रत्नेश ने हरदोई जिला के पाली में एक अस्पताल शुरू किया जिसमें स्टॉफ नर्स ज्योति सिंह को बतौर डॉक्टर रखा जब वहां पर दाल नही गल पाई तो अस्पताल संचालक ने मिर्जापुर में बिना रजिस्ट्रेशन के शिव अस्पताल नाम से ही एक और नया अस्पताल खोल दिया।


!!आलाधिकारियों के संज्ञान में चलते हैं अवैध अस्पताल!!


पूर्व सीएमओ द्वारा 50 हजार रुपये प्रति अस्पताल का सर्किल रेट खोलते हुए कुकुरमुत्तों के तरीके से अवैध अस्पताल संचालित करवा दिए जिसका संचालन उसी ढर्रे से आज भी चल रहा है।अधिकारियों को सोशल मीडिया समाचार पत्र तथा ट्विटर के माध्यम से इन अवैध अस्पताल तथा पैथोलाजी के बारे में सूचित किया जा चुका है इसके बाबजूद किसी आलाधिकारी ने जांच करने की जहमत नही उठाई जिसके कारण फर्जी अस्पताल आज भी फल फूल रहे हैं।

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