--कव्वालियों पर झूमें जायरीन, मजार पर की चादरपोशी
- शाहजहांपुर। सूफी बुजुर्ग हजरत इसहाक मियां रहमतुल्लाह अलैह का दो दिवसीय सालाना उर्स यहां मोहल्ला तारीन गाड़ीपुरा स्थित दरगाह पर अकीदत के साथ मनाया गया। कुल शरीफ में मुल्क की खुशहाली और सलामती की दुआ की गई। शुक्रवार को दरगाह के खादिम मुजीब शाह उर्फ छोटू की सरपरस्ती में उर्स-कुल का आगाज कुरआन ख्वानी से हुआ।
सुबह से देर शाम तक मजार पर गुलपोशी व चादरपोशी के साथ नज्र व नियाज का सिलसिला चलता रहां। शाम 7.30 बजे कुल शरीफ की महफिल में हाफिज मो. उवैस ने कहा कि दरगाहों पर अदब व एहतराम से आना चाहिए। अल्लाह वालों की बारगाह में हाजिरी देने से दिल को राहत व सुकून मिलता है। इसके बाद कुरआन-ए-पाक की आयात पढ़कर साहिबे उर्स को ईसाले सवाब करते हुए हाफिज उवैस अजीम ने मुल्क की खुशहाली और सलामती की दुआ की। कुल के बाद महफिले समा में कव्वाल नदीम, बबलू, अच्छन आदि ने सूफियाना कलाम सुनाकर जायरीन को मंत्रमुग्ध का दिया। उर्स कमेटी की ओर से चादरपोशी कर जायरीन में लंगर बांटा गया। इस अवसर पर पप्पू पेंटर, मुबीन खां, शम्सुल कमर, छोटे, लाला, रईस शाह, सईद, गुड्डू, शकील, मुन्ना, सोहराब शाह, आमिर, राशिद हुसैन आदि तमाम लोग मौजूद रहे। उर्स में लगे मेले में दुकानों से लोगों ने खूब खरीदारी की। इस दौरान बच्चों व महिलाओं ने चाट- पकौड़ी, हलुवा पराठा, कोल्ड ड्रिंक, शिकंजी आदि का लुत्फ भी लिया।