- अल्हागंज। पहली अप्रेल से नए शैक्षिक सत्र का आगाज हो गया स्कूल कालिजों मे भी नए सत्र की तैयारियां जोरो से चल रही है। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रो में प्री-प्राइमरी की क्लासेज शुरू होगी पर आंगनबाड़ी केंद्रो पर कार्यकत्री या साहिका न तो समय से पहुच रही है। न ही केंद्र खोल रही है। यहां तक की प्रार्थमिक विद्यालयों में भी शिक्षक शिक्षकाए समय से नहीं पहुच रही है। जो आते भी है वह हाजरी लगा कर चले जाते है। ऐसे मे सरकार की योजना फैल होती दिख रही है।
बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्कूल में आंगनबाड़ी केंद्र बनवाऐ गये थे। जहां पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री बच्चों के स्वास्थय की जांच करती है। बच्चों के अभिभावकों को दलिया समेत अन्य चीजों को दिया जाता है। नई शिक्षा नीति में आंगनबाड़ी केंद्रो पर आने बाले बच्चों को प्री-प्राइमरी की शिक्षा दी जाऐगी। लेकिन ऐसा होना फैल होता दिख रहा बुधवार को पत्रकारों की टीम ने साहबगंज आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया तो वह ताला पडा मिला फोटो खींचते देख जानकारी होने के कुछ ही देर बाद केंद्र का ताला खोल दिया गया। जिसके बाद टीम बेलाखेंडा क्षेत्र के गांव समापुर गयी जहां पर एक ही अध्यापक आदित्य कुमार 167 बच्चों की जिम्मेदारी सभालते दिखे अन्य अध्यापक नदारद दिखे जिसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र पर देखा गया जहां ताला लगा था अध्यापक व बच्चों द्वारा बताया गया कि अन्य अध्यापक कम आते है. जब आते है तो कुछ ही देर बाद चले जाते है। सिर्फ एक ही अध्यापक पर जिम्मेदारी रहती है। यही कंडीशन आंगनबाड़ी केंद्र का है। जहां चार माह से साहिका नदारद चल रही है। आंगनबाड़ी केंद्र व प्रा० विद्यालय की समस्त जिम्मेदारी एक ही अध्यापक निभा रहा है। ऐसे में 90 हजार की तनख्वाह लैने बाले अध्यापक व ननिहालों की जिम्मेदारी उठाने बाली साहिका व कार्यकत्री अपनी अपनी जिम्मेदारी उठाने से बच रही है। वही लालपुर नया गांव का केंद्र खुला पाया गया साहिका मौजूद मिली। क्षेत्र के के अधिक विद्यालयों में व आंगनबाड़ी केंद्रों की यही स्थिति है।
आंगनबाड़ी साहिका प्रीति सक्सेना ने बताया कि उसकी तबियत खराब है सिपट्रान गोली ने रियक्शन कर दिया इसलिए आज नहीं पहुची। वह रौजाना जाती है।
समापुर विद्यालय में मौजूद दिव्यांग अध्यापक आदित्य कुमार ने बताया कि यहां तैनात अध्यापकों की ड्यूटी रौजाना करवाई जाए जिससे अपनी अपनी कक्षा के बच्चों को पढाया जा सके। वह दिव्यांग है अकेले स्कूल व्यवस्था देखना मुश्किल होता है। यहां बगैर प्रार्थना पत्र दिये आध्यापक नहीं आते कभी कभी वह स्वय उनकी अनुपस्थिति समय देख रजिस्टर पर चढा देते है।
मामला संज्ञान मे आया है आंगनबाड़ी केंद्र व प्रा० विद्यालय की जांच कराकर कार्यवाही की जाऐगी क्षेत्र के भ्रमण के दौरान सभी विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाऐगा-खण्ड शिक्षाधिकारी जलालाबाद