- अल्हागंज। सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई मध्यान्ह भोजन योजना (मिड डे मील) हर सरकारी योजना की तरह बस कागजों पर ही बेहतर संचालित हो रही है। स्कूलों मे मानक के अनुरूप भोजन बच्चों को नहीं दिया जा रहा है। दाल और चावल प्रतिदिन बच्चों को परोसा जा रहा है। वो भी कम मात्रा में रोटी तो बच्चों को नसीब ही नहीं होती। 500 ग्राम दाल में सभी बच्चों का पेट भराया जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत करने बावजूद भी खंड शिक्षाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। ऐसा देखनें से मालूम हो रहा है। कि मिड डे मील के निर्धारित मीनू के अनुसार तो शायद ही किसी स्कूल में भोजन दिया जाता हो।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ताजा मामला अल्हागंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ततियारी का है, जहां बीते कई दिनों से छात्रों को मध्याह्न भोजन मानक के अनुरूप नहीं दिया जा रहा था। जब इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी से ग्राम प्रधान ने की इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी। ततियारी विद्यालय की प्रधानाचार्य ब्राह्मी पांडे है जिनके द्वारा एमडीएम का संचालन किया जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत पर पत्रकारों की टीम ने मौके पर जाकर जांच की तो शिकायत को सही पाया गया टीम ने जब प्रधानाचार्य ब्राह्मी पांडे से एमडीएम के बारे में सवाल जवाब किए तो वह उनका कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला जांच करने के बाद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी का प्रधानाचार्य ब्राह्मी पांडे को संरक्षण प्राप्त है इसी के अनुसार अपनी मनमानी के चलते मानक के अनुसार बच्चों को भोजन नहीं दिया जा रहा है। NSMA LIVE ने जब ग्राम प्रधान जसवंत सिंह से इसके बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कई ग्रामीणों ने एमडीएम की खराब गुणवत्ता की शिकायत की थी उसके बाद उन्होंने प्रधानाचार्य ब्रह्मी पांडे से गुणवत्ता सुधारने के लिए बोला था। मगर उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया खंड शिक्षा अधिकारी को भी फोन पर वार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी मगर उन्होंने कभी भी एमडीएम की गुणवत्ता को चेक कराने की जरूरत नहीं समझी उल्टा उनसे ही खाना बनवाने के लिए बोल दिया। इससे प्रतीत होता है खंड शिक्षा अधिकारी का ब्राह्मी पांडे को पूर्ण संरक्षण प्राप्त है। NSMA LIVE की टीम ने जब ग्रामीणों से इसके बारे में जानकारी ली तो ग्रामीण राम भरोसे ने बताया कि कल दिनांक 7/3 /2022 को रोटी सब्जी बनी थी इससे पहले कभी भी रोटी सब्जी नहीं बनाई गई हमेशा दाल चावल ही बच्चों को खिलाया जाता है ग्रामीण रमेश चंद्र ने भी इन आरोपों की पुष्टि की बताया की एमडीएम कभी भी मेनू के आधार पर नहीं बनता है जब इसका कारण ब्राह्मी पांडेय से पूछा तो उन्होंने राशन की कमी को बताया जब कोटेदार से इसके बारे में जानकारी ली तो कोटेदार ने बताया की राशन की कभी कोई कमी नहीं होने दी यह आरोप निराधार हैं इससे साफ जाहिर होता है की ब्राह्मी पांडे को उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है इसलिए वह भ्रष्टाचार में लिप्त रहती है ।