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शिक्षक समस्याओं के निस्तारण को लेकर यूटा ने जिलाधिकारी महोदय को दिया ज्ञापन


--शिक्षक समस्याओं का शीघ्र निस्तारण हो- यूटा

  • शाहजहांपुर। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) शाहजहांपुर के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला अध्यक्ष विनीत कुमार गंगवार के नेतृत्व में जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा। जिसमे शिक्षक समस्याओं के निस्तारण को लेकर दिए गए 8 विन्दुओं के ज्ञापन में कहां गया है कि पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रणवीर सिंह ने जनपद में कार्यरत परिषदीय लिपिकों को विकास खण्ड वार अधिष्ठान का कार्य आवंटित करते हुए सम्बंधित विकास खण्ड का चार्ज प्राप्त कर ब्लॉक संसाधन केंद्र पर उपस्थित रहते हुए विभागीय कार्यों को निस्तारित कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी लिपिक अपने आवंटित विकासखंड के ब्लॉक संसाधन केंद्र पर ना बैठकर नियम विरुद्ध बीएसए कार्यालय में बैठते हैं जिससे शिक्षकों को अपनी समस्याओं के लिए बीएसए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं बहुत से विकासखंड ऐसे हैं जो जनपद मुख्यालय से अधिक दूरी पर है जहाँ से विद्यालय समय उपरांत इतना समय शेष नहीं रहता है कि शिक्षक अपनी समस्या को जिला मुख्यालय स्थित बीएसए कार्यालय तक निस्तारित कराने आ सके। इसलिए अनावश्यक ही शिक्षको को आकस्मिक अवकाश लेना पड़ता है लिपिक को विकासखंड कटरा खुदागंज के अधिष्ठान का कार्य आवंटित किया गया है इसके बाद भी वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदया द्वारा नियम विरुद्ध बीएसए कार्यालय के तीन-तीन महत्वपूर्ण पटल( कार्यवाही स्थानांतरण और सेवानिवृत्ति) विकासखंड कटरा खुदागंज के लिपिक को आवंटित कर बीएसए कार्यालय में बैठाया जा रहा है जिससे शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण समय से नहीं हो पता है । उपरोक्त समस्या को लेकर क्षेत्रीय विधायक माननीय वीर विक्रम सिंह प्रिंस द्वारा भी पत्र लिखकर शासन स्तर पर अवगत कराया जा चुका है। साथ ही बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया (स्पष्टीकरण एवं जॉच) पूर्ण किये प्रत्येक माह सैकड़ों शिक्षकों के वेतन वृद्धि एवं वेतन अवरूद्ध किये जा रहे हैं। जबकि महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश एवं प्रमुख सचिव उप्र के आदेश में उल्लेख किया गया है कि "वेतन या वेतन वृद्धि रोकना अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया से शासित होता है। अतः जब तक स्थापित नियमों के अधीन औपचारिक आदेश निर्गत न हो किसी भी कार्मिक के वेतन अथवा वेतन वृद्धि रोका नही जायेगा अन्यथा यह दायित्व निर्धारण का विषय होगा नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की समस्त प्रक्रिया पूर्ण किये जाने के पश्चात् ही वेतन अथवा वेतन वृद्धि रोकी जायेगी" नियम विरूद्ध वेतन अवरूद्ध करना उपरोक्त शासनादेश की अवहेलना है।

जनपद के विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यवाही के नाम से शिक्षकों का मानसिक एवं आर्थिक शोषण किया जाता है।शिक्षक पर कोई भी गंभीर आरोप ना होते हुए भी बिना कोई औपचारिकता पूर्ण किए ही लगातार शिक्षकों को निलंबित करने की कार्यबाही की जा रही है। और निलंबन के तीन तीन माह बाद नियम विरुद्ध निलंबन आदेश को रिकाल (रद्द) किया जा रहा है। शिक्षकों के एरियर, सीसीएल और मेडिकल अधिकारियों द्वारा समय से अप्रूव नहीं किए जाते हैं। 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों को 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी सैकड़ो शिक्षको के सत्यापन जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य एवं एरियर की कार्यवाही अभी तक पूर्ण नही की गयी है। जबकि शासन द्वारा समय-समय पर सत्यापन एवं एरियर भुगतान करने हेतु आदेश जारी किये जा चुके है। 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के मूल प्रमाण पत्र वापसी की प्रक्रिया पूर्ण किए बिना ही रोक दी गई है जबकि अभी सैकड़ो शिक्षकों के मूल प्रमाण पत्र वापसी नहीं की गई है।जनपद के शिक्षकों से लगातार सूचना प्राप्त हो रही है कि विद्यालय में एमडीएम बनवाने के लिए प्रधानाध्यापक/ प्रभारी प्रधानाध्यापक को ही पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबन जैसी कठोर कार्यवाही कर दी जाती है। जो की न्यायोचित नहीं है जबकि वर्ष 2019 में तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के दिनांक-25 जून 2004 के बिन्दु सं०-3 व 4 पर अंकित है कि एमडीएम व्यवस्था में अध्यापकों व छात्रों की सहायता न लेते हुए ग्राम पंचायतों (प्रधान/सभासद) से एमडीएम बनवाया जाये। इसी कारण शासन द्वारा एमडीएम खाते का संचालन भी शिक्षक व प्रधान/सभासद के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। उपरोक्त शासनादेश एवं अन्य जारी निर्देशों के अनुक्रम में एमडीएम बनवानें की पूर्ण व्यवस्था शिक्षक से हटाकर ग्राम पंचायत को सौंप दी जाये ताकि शिक्षक अपना शिक्षण कार्य स्वतंत्र रूप से करता रहे।बनिपुण भारत मिशन के तहत 4 दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण गतवर्ष 2023 व वर्तमान वर्ष 2024 में सभी शिक्षकों/ शिक्षामित्रों को कराया जा चुका है परन्तु दोनों प्रशिक्षणों का जलपान व लंच का मानदेय अभी तक भुगतान नहीं किया गया है जनपद के बहुत से दिव्यांग शिक्षकों द्वारा दिव्यांग वाहन भत्ते हेतु आवेदन किया गया था। लेकिन अभी तक कोई आदेश जारी न होने से दिव्यांग शिक्षकों को दिव्यांग वाहन भत्ते से वंचित रखा गया है। आज के ज्ञापन में जिलाध्यक्ष विनीत कुमार गंगवार के साथ हरिशंकर जिला महामंत्री राम कुमार सिंह वरिष्ठ जिलाउपाध्यक्ष पृथ्वीराज जिला कोषाध्यक्ष अमित कुमार सिंह जिला संगठन मंत्री अवनीश कुमार सिंह जिला संयुक्त महामंत्री चंदन वर्मा जिला उपाध्यक्ष शोभित श्रीवास्तव जिला उपाध्यक्ष सोनपाल जिला लेखाकार योगेश त्रिवेदी जिला मीडिया प्रभारी राघवेंद्र सिंह कुशवाहा जिलाउप मंत्री विधु शेखर ब्लॉक अध्यक्ष भावलखेड़ा नितिन वर्मा ब्लॉक महामंत्री सहित अनेक शिक्षक मौजूद रहे।

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