आई दीपावली, आई दीपावली,
खुशियों की सौगात लाई।
आओ सभी मिलकर मनाए,
दीपावली का त्योहार मनाए।
नए-नए दिप, नए संकल्प लें,
जीवन का सपना साकार करें,
नई खुशियों से उमंग भरें,
रंगबिरंगी दिए, आकाशदिया, फटकों से दीपावली मनाए।
सभी अपनों का साथ,
मान-सम्मान बढ़ाएं।
घर खुशियों से भर दे।
नए कपड़ों, व्यंजनों से आनंद लें।
आई दीपावली चम-चम के,
इसे मनाओ खुशी-खुशी से।
लक्ष्मी पूजन का दिवस आनंद से मनाए,
अच्छे-अच्छे पकवानों का भोग लगाएं।
मिट्टी के दिये और कागज का आकाशदिया लाए,
दीपावली का त्योहार मनाएं।
आई दीपावली,
आई दीपावली।
स्वरचित, मौलिक रचना
दुर्वा दुर्गेश वारिक "गोदावरी"
गोवा