नवदुर्गा के रूप की महिमा ,जीवन का है करिष्मा।
माँ प्रेम की है सूरत,
जो है हमारी दिव्य मूरत।
माँ का जीवन में नाम है उदारता,
जीवन में बस है महत्ता।
विनयभाव की है गागर,
जिसमें पवित्र जल है निर्जर।
मन को बनाया शांत और शील,
जीवन बने प्रभावशील।
है उनका शस्त्र त्रिगुण,
सात्विक है जो गुण।
ब्रह्मांड के रूप में है उर्जा,
जीवन में जिसकी है पूजा।
ज्ञान की प्रतिक है माँ,
जीवनदायिनी है माँ।
तलवार ज्ञान की हाथ में रहती,
है त्रिशूल और खप्पर हाथ लिए चलती।
अदम्य आत्मविश्वास और इच्छा शक्ति,
करते है हम आराधना और भक्ति।
-भूमिका शर्मा
शिक्षिका और लेखिका
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)
नवदुर्गा के रूप की महिमा , जीवन का है करिष्मा
Thursday, October 03, 2024
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