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मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की नीति को धता बता रहा एआरटीओ कार्यालय


-सारथी संस्था का सुपर वाइजर दलालों का बना माफियां

--एआरटीओ कार्यालय के लाइसेंस विभाग में चल रही अबैध बसूली

शाहजहांपुर। प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करते है वही शाहजहांपुर जनपद के एआरटीओ कार्यालय में लाइसेंस विभाग में अबैध बसूली कर मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस दावे को चुनौती दे रहे है। सूत्रों की माने तो आपको लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए 1050 रुपये बतौर सुविधा शुल्क देना पड़ता है। उसके बाद आपका वाहन चलाने का लर्निंग लाइसेंस बनाया जाएगा।

फिर जब आप लाइसेंस पक्का कराने जाते है तो फिर से आपको बतौर सुविधा शुल्क 1050 रुपये चढ़ाने होंगे। इसके अतिरिक्त आपको दलाल को भी नजराना देना पड़ेगा। आपको एक लाइसेंस बनबाने के लिए लगभग 5 से 6 हजार खर्च करने पड़ सकते है। जबकि सरकारी खर्च मात्र 14 सौ के आस पास आता है। इसके साथ ही हैवी लाइसेंस मस भी भारी रकम बसूली जाती है। अहम बात यह है यह सब खेल सारती संस्था के सुपर वाइजर की देखरेख में होता है। इसके अतिरिक्त गाड़ियों की फिटनेस आदि में भी जमकर बसूली अभियान बेरोकटोक चलता है। जबकि कार्यालय शासन द्वारा छापामार कार्रवाई भी की जा चुकी है जिसमें आरआई सहित तीन लिपिक भ्रष्टाचार में जेल जा चुके है।
ऐसा कुछ यहां नही होता है कोई बसूली नही होती है लर्निंग लाइसेंस आफिस में सिर्फ स्वीकृति दी जाती है। किसी से कोई पैसा नही लिया जाता है।
नरेंद्र यादव आरआई उपसंभागीय कार्यालय शाहजहांपुर

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