उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा के साथ ही व्रत भी किया जाता है। इस दिन कृष्ण भक्त दिनभर अन्न ग्रहण नहीं करते हैं। कुछ लोग इस दिन सिर्फ फलों का और दूध का सेवन करते हैं। जानिए जन्माष्टमी पर बाल गोपाल का अभिषेक करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत-उपवास करना चाहते हैं तो इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र सांब को सूर्य पूजा करने का महत्व बताया था।
सूर्य पूजा के बाद घर के मंदिर में सबसे पहले प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा करें। गणेश प्रतिमा पर जल चढ़ाएं, वस्त्र, चंदन, दूर्वा, हार-फूल अर्पित करें। भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और आरती करें।
गणेश पूजन के बाद भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करने की तैयारी करनी चाहिए। कृष्ण पूजा में सबसे पहले आचमन करें यानी पूजा से पहले खुद हाथ साफ जल से धोएं, इसके बाद श्रीकृष्ण के हाथों के लिए जल अर्पित करें।
बाल गोपाल को सुगंधित फूलों वाले जल से स्नान कराना चाहिए। इसके बाद केसर मिश्रित दूध से भगवान का अभिषेक करें। दूध को दक्षिणावर्ती शंख में भरें और भगवान को अर्पित करें।
भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबरधारी कहा जाता है, इसीलिए बाल गोपाल को पीले चमकीले वस्त्र पहनाएं। फूलों से श्रृंगार करें। सिर मोर पंख के साथ मुकूट पहनाएं।
बाल गोपाल के अभिषेक में गौमाता की मूर्ति भी रखें। गौमाता का अभिषेक भी करें। गौमाता को भी वस्त्र अर्पित करें। इस दिन किसी गौशाला में धन और हरी घास का दान करना चाहिए।
बाल गोपाल को सुंदर पीले और चमकीले आसन पर विराजित करना चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर पंचामृत बनाएं और चांदी के बर्तन में भरें, तुलसी के साथ भोग लगाएं।
अभिषेक करते समय श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम: का जप करते रहना चाहिए। पूजन में श्रीकृष्ण को दूर्वा, कुमकुम, चंदन, चावल, अबीर, सुगंधित फूल अर्पित करना चाहिए। ताजे फल, मिठाइयां, लड्डू, माखन-मिश्री, खीर, तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
ध्यान रखें पूजा में गाय के दूध से बने घी, दही, मक्खन, पंचामृत का उपयोग करना चाहिए। दीपक के लिए भी गाय के दूध से बने घी का उपयोग करना चाहिए।
बाल गोपाल की पूजा में राधा जी के नाम का भी जप करते रहना चाहिए।