- शाहजहांपुर। मुमुक्षु आश्रम अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की पहल पर एसएस कालेज, एसएस लॉ कालेज की एक संयुक्त टीम ने पंजाबी महासभा के सदस्यो चंद्र प्रकाश गुलाटी तथा सुनील गुप्ता के साथ विभाजन के बाद शाहजहांपुर में आकर बसे पंजाबी समुदाय के सदस्यो का घर घर जाकर सम्मान किया।
प्रशासन द्वारा 14 अगस्त को मनाये गए विभाजन विभीषिका दिवस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. विकास खुराना ने बताया कि विभाजन के बाद 2604 पंजाबी समुदाय के नागरिक शहर आकर बसे थे। इनमे से अधिकांश अब जीवन के अस्सी बसंत देख चुके है। इनमे से कई न केवल 95 वर्ष तक के है बल्कि पूर्ण रूपेण स्वस्थ है कुछ बुजुर्ग अस्वस्थ है। इन सदस्यो को स्वामी जी महाराज की प्रेरणा से घर घर जाकर सम्मानित किया गया है। सम्मानित होने वाले बुजुर्गो में बिहारी लाल चांदना, रघुदास बत्रा, सतनाम दास, जुझार सिंह मोंगा, वेद प्रकाश कामरा, प्रेम लता कामरा, मोहनलाल सिक्का, कुंदन लाल सिक्का आदि थे। 90 वर्षीय बिहारी लाल चांदना ने अपने संस्मरण साझा करते हुए बताया कि वे डेरा इस्माइल खान के रहने वाले थे, उनकी माता दिव्यांग थी। विभाजन के बाद वे अपनी मां को कंधे पर बिठाकर हिंदुस्तान आए थे। रघु बत्रा ने बताया कि उनके ताऊजी को और परिवार को पाकिस्तानियों ने यह कह कर कत्ल कर दिया कि आप यही रुक जाइए, दो चार दिन में हालत सामान्य हो जायेगी। एसएस कालेज के इतिहास विभाग के द्वारा इन सारे बुजुर्ग शरणार्थियों के संस्मरण के संकलन तथा उसके प्रकाशन का भी निर्णय लिया गया है। एसएस लॉ कालेज के प्राचार्य डॉ. जयशंकर ओझा तथा रामनगर के पूर्व सभासद कृष्ण गोपाल बिन्नु द्वारा सभी को शाल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।