- अल्हागंज। वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि दो दिन 15 और 16 मई को रहेगी। इसी वजह से ये पर्व दो दिन मनाया जाएगा। जानकारों का कहना है कि व्रत और पूजा के लिए रविवार और सोमवार को पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय होने से इसी दिन स्नान-दान करना शुभ रहेगा।
15 मई को व्रत और पूजा की पूर्णिमा
रविवार, 15 मई को पूर्णिमा तिथि दोपहर तकरीबन 12:45 पर शुरू हो जाएगी और दिनभर रहेगी। इस कारण इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत किया जाएगा। इस दिन सूर्योदय के समय चतुर्दशी तिथि होने से कूर्म अवतार की पूजा की जाएगी। इस दिन सूर्य संक्रांति होने से पितृ पूजा और स्नान-दान करना भी पुण्य फलदायी रहेगा। इस दिन खरीदारी, लेन-देन और निवेश के लिए शुभ मुहूर्त भी रहेगा।
वैशाख पूर्णिमा पर शुभ योग
16 मई को वरियान, मित्र और सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। इन शुभ योगों प्रभाव से स्नान-दान का फल कई गुना बढ़ जाएगा। इस दिन किए गए शुभ कामों से कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है। विष्णु, मत्स्य, ब्रह्म और नारद पुराण के मुताबिक इस दिन दिया गया दान बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन किए गए दान से अक्षय पुण्य फल मिलता है। इसलिए इस दिन तीर्थ स्नान और श्रद्धा के मुताबिक अन्न, जल, स्वर्ण या कपड़े का दान देने की परंपरा है।
इस दिन भगवान बुद्ध का प्राकट्य होने से बुद्ध पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। ये वैशाख महीने का आखिरी दिन रहेगा। इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी रहेगा। हालांकि ये भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा।
वैशाख महीने का आखिरी दिन
वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना होता है। इस महीने का आखिरी दिन पूर्णिमा ही होती है। इसलिए ये पर्व खास होता है। इसके अगले दिन से ज्येष्ठ महीना शुरू हो जाता है। पुण्य देने वाले वैशाख महीने का आखिरी दिन होने से इसलिए इस पूर्णिमा पर स्नान-दान, व्रत, श्राद्ध और पूजा-पाठ की जाती है। ये वसंत ऋतु का आखिरी महीना होता है। वैशाख महीने की पूर्णिमा के बाद ऋतु परिवर्तन होता है और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत हो जाती है।