नारी का सम्मान
हर नारी देवी की प्रतिमा,
है मनुज सम्मान करो।
मानव तन में रूप धरा है,
मां का हिट कल्याण करो।
नवदुर्गा के भाव रूप में,
जगतारण संहार करो।
चंदन चौकी बैठ धरा पर,
धन-धान्य भंडार भरो।
कन्या रूप में पूज्य घरों पर
दान का लौकिक ज्ञान भरो।
गंगा,जमुना,नर्मदा,ताप्ती में,
नदियों का सुख कर भरो।
कहां-कहां पहुंची है नारी,
भारत का गुणगान करो।
ईश कृपा प्रसाद पाने को,
भक्ति का गुणगान करो।
प्रभु की कठिन तपस्या करके,
शिव शंकर का जाप करो।
सौ. अनिता श्रीवास्तव
वैजापुर महाराष्ट्र